नवरात्रि 2025
शारदीय नवरात्रि 2025 के लिए...
"Navratri 9 colors, puja vidhi and fasting rules explained with simple tips to celebrate nine days of devotion and spiritual energy."
नौ दिनों के ९ रंग:
- पहला दिन (माँ शैलपुत्री): सफ़ेद
- यह रंग शांति, पवित्रता और सादगी का प्रतीक है।
- दूसरा दिन (माँ ब्रह्मचारिणी): लाल
- यह रंग साहस, शक्ति, ऊर्जा और प्रेम को दर्शाता है।
- तीसरा दिन (माँ चंद्रघंटा): रॉयल ब्लू (शाही नीला)
- यह रंग समृद्धि, शांति और स्थिरता का प्रतीक है।
- चौथा दिन (माँ कूष्मांडा): पीला
- यह रंग खुशी, चमक और ज्ञान का प्रतीक है।
- पांचवां दिन (माँ स्कंदमाता): हरा
- यह रंग प्रकृति, विकास और उर्वरता को दर्शाता है।
- छठा दिन (माँ कात्यायनी): ग्रे (स्लेटी)
- यह रंग बुराई को नष्ट करने की शक्ति का प्रतीक है।
- सातवां दिन (माँ कालरात्रि): नारंगी
- यह रंग ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता का प्रतीक है।
- आठवां दिन (माँ महागौरी): मोरपंखी हरा
- यह रंग विशिष्टता, नवीनता और समृद्धि का प्रतीक है।
- नौवां दिन (माँ सिद्धिदात्री): गुलाबी
- यह रंग प्रेम, स्नेह और सद्भाव का प्रतीक है।
नवरात्रि में माता जी की पूजा विधि
नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जा सकता है:
- कलश स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना की जाती है। मिट्टी के पात्र में जौ बोए जाते हैं और उसके ऊपर जल से भरा कलश रखा जाता है। कलश पर स्वास्तिक बनाकर, उसमें सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते रखे जाते हैं।
- अखंड ज्योत: कई भक्त नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाते हैं। यह देवी के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है।
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दैनिक पूजा:
- प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल पर देवी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- देवी को फूल, फल, मिठाई और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
- धूप और दीप जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ या देवी के मंत्रों का जाप करें।
- सुबह और शाम दोनों समय देवी की आरती करें।
नवरात्रि में उपवास के नियम
नवरात्रि के व्रत में कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है:
- क्या खाएं: व्रत के दौरान फलाहार का सेवन किया जाता है। आप कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, आलू, फल और दूध से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं।
- क्या न खाएं: व्रत में अनाज (गेहूं, चावल), दालें, प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन का सेवन वर्जित होता है। सादे नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें।
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अन्य नियम:
- व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- दिन में सोने से बचना चाहिए।
- क्रोध, लोभ और किसी के प्रति बुरे विचार मन में नहीं लाने चाहिए।
- बाल, नाखून और दाढ़ी नहीं कटवाने चाहिए।
- घर में सात्विक और स्वच्छ वातावरण बनाए रखें।



Jay Mata Di...
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