"भाकरवड़ी एक पारंपरिक भारतीय स्नैक है जो स्वादिष्ट, पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर है। जानें इसके फायदे और बनाने की विधि।"
बाहरी परत के लिए:
- डेढ़ कप मैदा
- आधा कप बेसन
- 2 बड़े चम्मच गर्म तेल
- आधा छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- स्वादानुसार नमक
- पानी (आटा गूंथने के लिए)
मसाला भरने के लिए:
- 1 कप कसा हुआ सूखा नारियल
- आधा कप सेव (पतले वाले)
- 2 बड़े चम्मच तिल
- 1 बड़ा चम्मच खसखस
- 1 बड़ा चम्मच धनिया पाउडर
- 1 छोटा चम्मच जीरा पाउडर
- 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- आधा छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 छोटा चम्मच गरम मसाला
- 2 बड़े चम्मच चीनी
- 1 बड़ा चम्मच इमली का पेस्ट
- स्वादानुसार नमक
तलने के लिए: तेल
आटा तैयार करें:
1. एक बड़े कटोरे में मैदा, बेसन, हल्दी पाउडर और नमक मिलाएं।
2. गर्म तेल डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
3. धीरे-धीरे पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथ लें।
4. आटे को गीले कपड़े से ढककर 20-30 मिनट के लिए रख दें।
मसाला तैयार करें:
1. एक पैन में नारियल को धीमी आंच पर हल्का सुनहरा होने तक भून लें।
2. तिल और खसखस को भी भून लें।
3. एक मिक्सर जार में भुना हुआ नारियल, तिल, खसखस, सेव, धनिया पाउडर, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, गरम मसाला, चीनी और नमक डालकर दरदरा पीस लें।
4. इस मिश्रण में इमली का पेस्ट डालकर अच्छी तरह मिला लें।
भाकरवड़ी बनाएं:
1. आटे को फिर से गूंथकर चिकना कर लें और उसकी छोटी-छोटी लोइयां बना लें।
2. एक लोई लेकर पतली रोटी बेल लें।
3. रोटी पर थोड़ा इमली का पेस्ट लगाएं।
4. तैयार मसाला रोटी पर समान रूप से फैलाएं।
5. रोटी को कसकर रोल करें।
6. रोल को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
7. एक कढ़ाई में तेल गरम करें।
8. भाकरवड़ी को मध्यम आंच पर सुनहरा और कुरकुरा होने तक तल लें।
9. तैयार भाकरवड़ी को निकालकर टिश्यू पेपर पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।
आपकी स्वादिष्ट भाकरवड़ी तैयार है! इसे आप चाय के साथ या ऐसे ही खा सकते हैं।
भाकरवड़ी महाराष्ट्र और गुजरात का पारंपरिक स्नैक है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर भी होता है। सही मात्रा में और स्वस्थ तरीके (जैसे बेक्ड रूप में) सेवन करने पर यह शरीर को उपयोगी पोषण प्रदान कर सकती है ।
पोषक तत्वों से भरपूर
भाकरवड़ी बेसन, मैदा, तिल, खसखस, नारियल और मसालों से मिलकर बनी होती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, फोलेट, कैल्शियम, और विटामिन B समूह के तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर के संपूर्ण पोषण के लिए लाभदायक हैं ।
ऊर्जा का अच्छा स्रोत
इसमें कार्बोहाइड्रेट और स्वस्थ वसा पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जिससे यह शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए इसे यात्रा या लंबे समय तक भूख लगने वाले समय में खाना उपयोगी होता है ।
पाचन को सहायक
भाकरवड़ी में मौजूद जायफल, सौंफ और धनिया जैसे मसाले पाचन क्रिया को सुधारते हैं और गैस या अपच की समस्या को कम करते हैं। इसकी भराई में तिल और खसखस जैसे तत्व आंतों की सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं ।
प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
बेसन, धनिया और नारियल में उपस्थित सूक्ष्म पोषक तत्व शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओं (WBC) के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे संक्रमण से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है ।
रक्त स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
भाकरवड़ी में पाया जाने वाला आयरन और फोलेट लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करते हैं और एनीमिया से बचाव में सहायक होते हैं ।
हड्डियों और मांसपेशियों के लिए उपयोगी
तिल और खसखस में उपस्थित कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस हड्डियों की मजबूती बढ़ाने में मदद करते हैं। नियमित लेकिन सीमित मात्रा में सेवन से यह पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है ।
डायबिटीज नियंत्रित रखने में सहायक (सीमित मात्रा में)
अगर इसे बेक्ड रूप में और कम तेल में बनाया जाए, तो इसमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित बनाए रखने में योगदान देते हैं ।
तली हुई भाकरवड़ी में वसा की मात्रा अधिक होती है, जिससे अधिक सेवन मोटापा या हृदय रोग का कारण बन सकता है।
उच्च रक्तचाप या मधुमेह वाले लोगों को इसका सेवन संयम के साथ करना चाहिए ।
संतुलित मात्रा में भाकरवड़ी का सेवन स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर जब इसे बेक्ड या मिनी संस्करण में खाया जाए।
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